Krishnagiri Shaktipeeth: कृष्णगिरी शक्तिपीठ के पवित्र भक्ति, संस्कार से बदलता है जीवन : राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा.
Krishnagiri Shaktipeeth
अष्टमी तिथि पर विधि विधान से नवदुर्गा कन्याओं, अनेक देवी-देवताओं व ब्राह्मणों का हुआ पूजन
कृष्णगिरी के इतिहास में पहली बार 3500 कन्याओं–सुहागिनों का महापूजन–अन्नदान कार्यक्रम कल
कृष्णगिरी। Krishnagiri Shaktipeeth: विकारों के बाजार में भक्ति बेचने आया हूं, जो भक्ति लेने आए हैं उन्हें शक्ति देने आया हूं। इन आध्यात्मिक अभिनव पंक्तियों के साथ कृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत परम पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने सोमवार को यहां श्री पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थधाम में लक्ष्यप्राप्ति नवरात्रि कृष्णगिरी महोत्सव के तहत अपने अमृतमयी प्रवचन में कहा कि राम, कृष्ण, महावीर और नानक सहित अनेक ऋषि, मुनियों के इस सनातन संस्कृति परक भारत देश में विकार बढ़ रहे हैं। श्रद्धा, भक्ति और संस्कार के साथ हमारा देश संस्कारमय व समृद्ध बने यही हमारा उद्देश्य है। वे बोले, विघटनकारी लोगों से सावधान रहते हुए संस्कार एवं भारतीय सनातन संस्कृति परंपरा का पालन दृढ़तापूर्वक करने की महत्ती जरूरत है। इस दौरान उन्होंने कृष्णगिरी शक्तिपीठ तीर्थ क्षेत्र की शक्ति का विस्तार से चमत्कारी उल्लेख करते हुए कहा कि श्री पार्श्वप्रभु एवं मां पद्मावतीजी के इस पावन धाम के पवित्र भक्ति, संस्कार श्रद्धालु व्यक्ति का जीवन निश्चित बदलते हैं। उन्होंने कहा कि किसी को भी दुर्लभ वस्तु चाहिए तो पूर्ण विश्वास के साथ श्रद्धामय भक्ति में लीन होना होगा, निश्चित परिणाम मिलेगा। इस अवसर पर उन्होंने अशुभता को समाप्त करने वाले दान की महिमा पर भी विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि गत दिनों श्रावण मास की अमावस्या पर 2500 जरूरतमंद लोगों को अन्नदान, मिष्ठान का व्यापक स्तर पर वितरण किया गया। इसी क्रम में बुधवार, विजयादशमी 5 अक्टूबर को कृष्णगिरी के इतिहास में पहली बार नवरात्रि विशेष श्रद्धालुओं के सर्वदोष, ग्रहपीड़ा निवारण हेतु चतुवर्ण की तीन हज़ार पांच सौ कन्याओं, सुहागिनों को अन्नदान, मिष्ठान व श्रृंगार सामग्री भेंटकर महापूजन–दान का वृहद स्तर का कार्यक्रम आयोजित होगा। उन्होंने कहा कि पुण्यवान का पुण्य सदैव बलवान रहता है। कार्यक्रम में दिल्ली व राजस्थान के कलाकारों ने संगीतकार रामलाल घानेराव पार्टी के साथ मां पद्मावतीजी के चमत्कारिक प्रसंगों की मनोरम झांकियां प्रस्तुत की। श्रीमती सोनलबेन मोदी मुंबई ने देवी भागवतजी की आरती व हवन यज्ञ का लाभ लिया। नवरात्रि की अष्टमी को भक्ति, साधना, आराधना दिवस विशेष बताते हुए पूज्य गुरुदेवश्रीजी ने श्री गणेश, शिव पार्वती, स्वर्णाकर्षण भैरव–भैरवीजी, धरनेंद्र–पद्मावतीजी, धन लक्ष्मीजी, नवदुर्गा रूपी कन्याओं एवं ब्राह्मण पूजन किया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूज्य गुरुदेव के अधिकृत वेरीफाइड यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव प्रसारित किया गया। आयोजन में शामिल 9 देशों व भारत के 27 राज्यों के हजारों श्रद्धालुओं को लक्की ड्रा के माध्यम से प्रतिदिन होम एप्लायंस के उपहार प्रदान किए जा रहे हैं। इससे पूर्व सुबह के सत्र में मां पद्मावतीजी का हजारों लीटर दूध से अभिषेक, संगीतमय देवी भागवत महापुराण वाचन, हवन यज्ञ में आहुतियां तथा रात्रि में हजारों दीपों से मां की सामूहिक महाआरती का कार्यक्रम सुचारु रुप से जारी रहा। कार्यक्रम का संचालन विनोद आचार्य व राजू सोनी ने संयुक्त रूप से किया।
फाजिल्का के किकरवाला रूपा में 16 दिवसीय देवी भागवत कथा 9 अक्टूबर से
पूज्य गुरुदेवश्रीजी पंजाब की धरा पर अपनी पावन निश्रा प्रदान करने 7 नवंबर को पहुंच रहे हैं। उल्लेखनीय है कि दीपावली एवं भैरवाष्टमी पर्व का भक्तिमय उल्लास पंजाब में 9 अक्टुबर से प्रारम्भ हो जाएगा। 9 अक्तुबर से 25 अक्तुबर तक फाजिल्का जिले के किकरवाला रूपा गांव में पूज्यश्री के मुखारविंद से 16 दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत महापुराण का वाचन होगा। इस दौरान दीपोत्सव पर्व पर भी संतश्रीजी वही रहेंगे। इसके बाद 8 नवंबर से 16 नवंबर तक भैरवाष्टमी पर्व का आयोजन पंजाब प्रांत में ही अनेक धार्मिक एवं भक्तिमय आयोजनों के साथ हर्षोल्लास से मनाया जाएगा।
12 ज्योतिर्लिंगों, जैन तीर्थों, शक्तिपीठों पर शुरू होगा निशुल्क कृष्णगिरी अन्नक्षेत्र..
कृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी महाराज साहब ने रविवार को घोषणा की कि भारत देश के 12 ज्योतिर्लिंग स्थानों, 52 जैन तीर्थ स्थलों तथा 52 शक्तिपीठों पर शीघ्र ही कृष्णगिरी अन्नक्षेत्र प्रारंभ होगा। इन धार्मिक स्थलों पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को शुद्ध शाकाहारी एवं पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाएगा। इसकी शुरुआत शीघ्र ही मध्य प्रदेश के उज्जैन अर्थात् अवंतिका, बाबा महाकाल की नगरी शहर से होगी। उन्होंने बताया कि कृष्णगिरी तीर्थ धाम की ओर से ही इसी क्रम में उज्जैन में विश्व का पहला विभिन्न रत्नों से बना अतिदिव्य श्रीरत्नेश्वर महाकाल महादेव मंदिर का निर्माण कार्य भी आगामी दिनों में शीघ्र ही प्रारंभ होगा।